कितना बेबस है इंसान क़िस्मत के आगे
हर सपने टूट जाते हैं, हक़ीक़त के आगे
जिसने कभी किसी के आगे हाथ न फैलाया
वो भी हाथ फैलाता है गोलगप्पे वाले के आगे
हर सपने टूट जाते हैं, हक़ीक़त के आगे
जिसने कभी किसी के आगे हाथ न फैलाया
वो भी हाथ फैलाता है गोलगप्पे वाले के आगे
2 टिप्पणियाँ:
"जिसने कभी किसी के आगे हाथ न फैलाया
वो भी हाथ फैलाता है गोलगप्पे वाले के आगे"
वाह - सही है
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