गुरुवार, 5 मई 2011

हिन्दी भाषा की किस्मत

आज के नवयुवक नवयुवतियो की हिन्दी से क्षुब्ध,
एम हिन्दी प्रेमी सज्जन की हिन्दी सुनकर हो गया मैं मुग्ध
जब उन्होने हवा में हाथ फहराया
लेडीज़ एंड जेंटल मैंन इंडिया हमारी कंट्री है
इसलिए हिन्दी बोलना हमारी ड्यूटी है
पर बेचारी हिन्दी इसकी तो किस्मत फूटी है
आज की यंग जेनरेशन जब भी मुँह खोलती है
ओन्ली इंग्लीश ही बोलती है

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