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Sanjeev
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हर साख पे उल्लू बैठा है--------
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sanjeev
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रविवार, 13 फ़रवरी 2011
first post
प्रस्तुतकर्ता
sanjeev
पर
5:20 am
खुदी को कर बुलंद इतना चढ़ा वो जैसे तैसे
खुदा ने बंदे से खुद पूछा अबे अब उतरेगा कैसे ?
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